Friday, August 26, 2011

न ही तो कलावती का घर रोशन हुआ और न ही बच्चे की किस्मत बदली

अन्ना हजारे के अनशन के 11वें दिन देश के भावी कर्णधार राहुल गाँधी ने संसद में अन्ना हजारे की तारीफ करते हुए उनके अनशन को ही लोकतंत्र के लिए खतरा बता दिया. बड़े दिनों बाद हाथ में फर्रा लेकर जोशीला भाषण बोले और वही किया जिसका अन्ना एक दिन पहले ही अंदेशा जाता चुके थे तारीफ के साथ धोखा और चूहा छोड़ना....इससे पहले भैया को हमने संसद में भारत-अमेरिका के परमाणु समझोते के समय बोलते हुए सुना थाबड़ी लच्छेदार भाषा में उन्होंने "कलावती" के घर के अँधेरे का हवाला और बच्चे के पढने की चिंता में परमाणु डील करवा दी. खैर न ही तो कलावती का घर रोशन हुआ और न ही बच्चे की किस्मत बदली सरकार जरूर बच गयी. बड़े दिनों तक अब देखना है कि उनकी सरकार के जोकपाल, कांग्रेस प्रायोजित अरुणा जी के लोकपाल और राहुल बाबा के कट-कापी-पेस्ट लोकपाल से देश का भ्रष्टाचार कितना ख़त्म होता है बाबा गलत पंगा ले लिए हर बार कि तरह उनका यह दांव भी उन्हें पोपट ना साबित कर

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