रामलीला मैदान [नई दिल्ली] 25 अगस्त 2011
रात लगभग 11 .15 के बाद
दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के अनशन के नौवे दिन का माहौल बड़ा गहम गहमी भरा रहा। दो दौर की बातचीत पर पानी फिर गया। अन्ना की तरफ से बात करने गए प्रशांत भूषण, अरविन्द केजरीवाल और किरण बेदी को बैठक में प्रणब मुखर्जी व सलमान खुर्शीद ने वहीं लाकर खड़ा कर दिया था जहाँ से चले थे। सरकार मन मे क्या था वह कोई नहीं जनता मगर हालात और हवाएं अन्ना के साथ नहीं थी तब आधी रात को मंच पर पहुचकर अन्ना हजारे ने ललकार किया और कहा अगर मुझे कोई उठाना चाहता है तो ले जाने दो कोई हिंसा मत करो और संसद और सांसदों का घराव करो। अन्ना ने विपक्ष के ढुलमुल रवैये पर लताड़ते हुए कहा कि मेरे खिलाफ सारे लुटेरे एक हो गए है। किसी और के लिए यह क्षण कितने मायने रहते है मुझे नहीं पता मेरे लिए तो ऐतिहासिक है एक छोटी सी कोशिश इन्हें सहेजकर रखने की।
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